Hindi
शमशान के वैराग्य सा व्यवहार- “मैं हूँ ना”
जब तक परिवारों के बड़े, संतानों की सफलता –असफलता, हार –जीत जैसी बातों को अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा का मापदंड बनाये रखेंगे संतानें स्वाभाविक रूप से तनाव और अवसाद का शिकार होंगी और अतृप्ति में जीते ये लोग उन्हें राह नहीं दिखा पाएंगे.
Hindi
ठग लेंगे, ठग लेंगे, पण्डे ठग लेंगे – क्या सच में?
तथाकथित उदारवादियों और वामपंथियों ने अत्यंत सूक्ष्मता से हम सनातन लोगों के मानस में उस प्रत्येक व्यक्ति, प्रक्रिया, स्थान, विचार, संस्कार, परंपरा के प्रति अनासक्ति उत्पन्न की है जो हमें हमारी पहचान या मूल से जोड़ता है. हमें अपने अस्तित्व के प्रति आस्थावान बनाता है.
Hindi
वो इधर की उधर लगाने वाले विदूषक कब बन गए, पता चला क्या?
अपने इतिहास के प्रति हमारी अरुचि, अनभिज्ञता और अनास्था ने आदि प्रजापति ब्रह्मा के मानस पुत्र देवर्षि नारद, जिनके लिए श्रीमद्भागवत गीता में स्वयं श्री कृष्ण कहते हैं मैं देवर्षियों में नारद हूँ को आज एक अधम विचार वाले, परिवारों को नष्ट करने वाले व्यक्ति के रूप में घटिया चुटकुलों का नायक बना दिया है.
Hindi
रचनाधर्मियों को गर्भस्थ बेटी का उत्तर
जो तुम्हें अग्नि परीक्षा देती असहाय सीता दिखती है, वो मुझे प्रबल आत्मविश्वास की धनी वो योद्धा दिखाई देती है जिसने रावण के आत्मविश्वास को छलनी कर इस धरा को रावण से मुक्त कराया.
Hindi
“फ्लाइंग किस” सीखना उन पर छोड़ दीजिए
यदि आपको यह दोहरा चरित्र समझ में आता है तो अपने बच्चे को, “प्रणाम” करना सिखाइए, यही आयु है उसकी। “फ्लाइंग किस” सीखना उस पर छोड़ दीजिए। आयु और समय आने पर वह स्वयं सीख लेगा। “फ्लाइंग किस” कोई संख्याओं या संस्कारों का अभ्यास नहीं है जो माता पिता या परिवार को सिखाना पड़े, आयु मूलक व्यवहार है।
Hindi
वट (सती) सावित्री के बहाने नारीवादी चर्चा
एक स्त्री जो अपने निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है, लिए गए निर्णय पर अडिग रहना जानती है, निर्णय का कुछ भी परिणाम हो उसे स्वीकार करने के लिए प्रस्तुत है, अपने प्रेम के लिए राजमहल को त्याग वन को जा सकती है, अपने प्रिय की प्राणरक्षा के लिए सीधे यमराज से टकराने का साहस और विजयी होने का सामर्थ्य रखती है क्या वो स्त्री निरीह या अबला हो सकती है?
Hindi
खोखलापन सतह पर
दुःख से बड़ा दुःख का प्रस्तुतीकरण बनता जा रहा है. दुःख से परे उसके प्रस्तुतीकरण पर संवेदनाओं और आंसुओं की बाढ़ जो आ गयी है उसे देखकर लगता है जन जन दुखभंजन बनना चाहता है.