सात समंदर की मसि करौं लेखनि सब बनराइ।
धरती सब कागद करौं हिंदू धर्म गुण लिखा न जाइ॥
आज काल गाहे-बगाहे हर कोई हिंदू धर्म का अपने एजेंडा को पूरा करने के लिए उपयोग कर रहा है। बार-बार अपने स्वार्थ परायण के लिए हिंदू धर्म को निशाना बनाना इसलिए संभव है क्योंकि वसुधैव कुटुम्बकम् इस धर्म की नीड़ में है। हिंदू धर्म ने हमेशा सभी धर्मों का सत्कार किया है। महावीर और बुद्ध को श्री हरी विष्णु का अवतार माना जाता है। यदि लिखना आरंभ करें तो कागज की कमी पड़ जाएगी। हिंदू धर्म दूसरे किसी धर्म की खिलाफत नहीं करता और यह बात हिंदू धर्म में सबसे सर्वोपरि है।
इस्लाम को मानने वालों द्वारा समय – समय भर भारत में कई आतंकवादी हमले हुए। मुंबई ट्रेन ब्लास्ट और २६/११ जिसमें सबसे प्रमुख है। लेकिन सभी ने कहा कि इस्लाम और आतंकवाद को धर्म के चश्में से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। मैं इस बात का समर्थन भी करता हूँ। किसी दुष्ट, पतित और अपराधी को उसके धर्म से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। लेकिन जो लोग हमें ऐसा करने की नसीहत देते हैं वो बात-बात पर हिंदू धर्म को हिंदुत्व का नाम देकर आतंकवाद से जोड़ देते हैं।
हिंदू धार्मिक चिन्हों को जिस तरह से विरोध प्रदर्शन में उपयोग किया जा रहा है वो निंदनीय है क्योंकि राजनैतिक दल का नेता हिंदू धर्म का पैगंबर नहीं है। आपको नेता का विरोध करना है… खुलकर कीजिए। वो अपनी राजनीति चमका रहें हैं तो आप भी, अपनी राजनीती चमकाएं लेकिन उसे चमकाने के लिए हिंदू धर्म को निंदनीय दिखाना जरुरी नहीं है। आप हिंदू धर्म के देवताओं और प्रतीकों का खुलकर मखौल इसलिए ही उड़ा सकते हैं क्योंकि यह धर्म कभी प्रतिरोध से आहात नहीं हो सकता, हाँ धर्म के ठेकेदारों की जवाबदारी मैं नहीं ले सकता।
ब्रम्हाण्ड में गुंजायमान आवाज भले ही “ॐ” नहीं हो लेकिन जिसके मन में ॐ गुंजायमान उसे आहात करने की कोशिश से आपको कुछ नहीं प्राप्त होगा।