पिछले अंक में हमने गैर-कानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम, १९६७ (UAPA ) से सम्बंधित पृष्ठभूमि, इसकी आवश्यकता और इसके अंतर्गत किये गए संसोधनो के बारे में जानकारी प्राप्त की, हमने ये भी जाना की पूर्व के UAPA और संशोधन विधेयक २०१९ के पश्चात के UAPA में क्या विशेष अंतर स्थापित होगा।
त्रो इस विधेयक (जो की ८ जुलाई २०१९ को लोकसभा में प्रस्तुत किया गया था और अब जिसे लोक सभा और राज्य सभा दोनों में पूर्ण बहुमत से पास (पारित) करा लिया गया और जो अब राष्ट्रपति द्वारा स्वीकार्यता मिलाने के पश्चात अधिनियम के रूप में लागू कर दिया जायेगा) की आजकल बड़ी ही चर्चा है।