ये तथ्य भी किसी से छुपा नहीं है की हजारो निर्दोष भारतीयों के हत्यारे मौलाना मसूद अजहर ने तालिबान के सबसे बड़े आतंकी मुल्ला बिरादर से मुलाकात की है काबुल में फैले तलबानी अँधेरे में और इस मुलाकात का एक मात्र मकसद है, तालिबान की सहायता से भारत के कश्मीर में एक बार पुनः आतंकवाद का भयानक तांडव करना।
तालेबान आन्दोलन को सिर्फ पाकिस्तान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने ही मान्यता दे रखी थी। अफगानिस्तान को पाषाणयुग में पहुँचाने के लिए तालिबान को जिम्मेदार माना जाता है।
उन्होंने कहा कि तालिबान झूठे दावे कर रहा है कि वो महिलाओ को पढ़ने जाने देगा और उनका सम्मान करेगा। उन्होने कहा की उन्होने वहाँ कई महिलाओं से बात की, जहाँ महिलाये बताती हैं कि तालिबान महिलाओ के खिलाफ हिंसा और बुरा व्यवहार करता है।
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जे के बाद तालिबान का पहला मिशन उन लोगों को ढूंढ-ढूंढकर खत्म करना है, जिन्होंने अमेरिकी सेना या सरकार का समर्थन किया था।