इन आन्दोलनों की जिम्मेदारी राकेश टिकैत ने ली थी। इस हत्या का जिम्मेदार राकेश टिकैत को ठहराना गलत नही होगा, क्योकि जब से किसानो के नाम पर आन्दोलन शुरु किया है जब से हिंसा की खबरें ही आ रही है उच्च न्यायालय गहरी नींद मे सो रहा है।
क्या ये तथाकथित आंदोलनकारी इतने फौलादी हो गए हैं कि इनसे निपटने के लिए आपके तरकश में कोई तीर नहीं है। क्या मौलवी इतने ताकतवर हो गए हैं कि किसी भी फ्लाईओवर पर मजारों के नाम पर सरकारी जमीनों पर कब्जा कर लें।
These rich farmers for long have been like some parasite sticking on to the sector and sucking out of it any potential for growth. We have to dismantle this hegemony, because as long as they are sitting at the top, they won't allow anything to trickle down.