This is actually a nightmare for democracy. We need opposition that can raise real issues with facts. If the ecosystem continues to be fake news paddlers - then we would not have a real check and balance in place for the NDA government.
अगर राहुल गाँधी या कोई और नेता ऐसा समझता है कि बेबुनियाद आरोपों को पूरी बेशर्मी के साथ बार-बार दोहराने से उसे सत्ता मिल सकती है, तो अभी भी ३-४ महीने का समय बाकी है-राहुल गाँधी ऐसे झूठे आरोप लगाने के लिए पूरी तरह आज़ाद हैं.