नरेन्द्र मोदी एवं अन्य उच्च-स्तरीय नेता जैसे माननीय राजनाथ सिंह, अमित शाह आदि का गर्व के साथ अपनी हिन्दू आत्मता को सार्वजनिक जीवन में रखने से सामान्य हिन्दू को यह आत्मविश्वास एवं साहस मिला कि वह जिन बातों को निजी कक्षों में साथियों और मित्रों के बीच ही कहता था, अब उन्हें अभय होकर कर सड़कों तक पर कह पा रहा है।
वर्ण शब्द का अर्थ कतई अंग्रेजी के कास्ट (caste) के समान नहीं है, क्योंकि यह जन्म आधारित नहीं वरन् कर्म आधारित है। और इसके अलावा इसमें चुनाव करने की स्वतंत्रता है।