Menstruation has always been a topic of deliberation in all households and societies. This is especially so in an Asian society where it is usually frowned upon as a taboo.
लाल क़िले की प्राचीर से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भारत के 74वे स्वतंत्रता दिवस सामारोह पर दिए गए भाषण में एक ऐसे विषय को छुआ जो सदियों से उपेक्षित रखा गया था और जिसकी चर्चा समाज में हमेशा पर्दे के पीछे हुआ करती थी।
यदि हिन्दू धर्म में स्त्री उन दिनों में अछूत या अपवित्र समझा जाता तो उन दिनों को “मासिक धर्म” क्यों कहा जाता, “मासिक अधर्म” क्यों नहीं? यदि रजस्वला स्त्री अपवित्र होती तो स्वयं श्री कृष्ण, रजस्वला द्रौपदी की रक्षा करने क्यों आते? यदि मासिक धर्म अपवित्र होता तो माँ के योनि रूप की पूजा क्यों होती?