अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (अभाविप) ने आपातकाल के दौरान एक महत्त्वपूर्ण संघर्ष किया। आपातकाल भारतीय इतिहास की एक अंधेरी घटना थी, जिसके दौरान न्यायप्रियता, मुक्त विचार और लोकतंत्र की प्रणाली को धीरे-धीरे नष्ट किया गया।
आपराधिक वारदातों के बढ़ने की एक ख़ास वजह यह भी है कि जब तक केंद्र में मोदी सरकार नहीं आयी थी, तब तक तो इन अर्बन नक्सलियों को अपनी गुंडागर्दी करने की पूरी छूट मिली हुई थी क्योंकि कमोबेश इन लोगों की विचारधारा का समर्थन करने वाली सरकारें देश की सत्ता पर अपना कब्ज़ा जमाये हुए थीं.
The subjects of the papers were ‘Culture, Gastronomy and the Politics of Beef in Digital India’ and ‘His Master’s Voice: Cultural appropriation and ‘MODI-fication of Indian Media’.