स्वतंत्रता के बाद भारत में इस प्रकार की स्थिति पहले कभी नहीं देखी गयी होगी, भारतीय राजनीति में सभी मर्यादाएं टूट रही हैं। सभी राजनैतिक दलों ने कानून की व्याख्या अपने हिसाब से तय कर ली है।
घटना वाले दिन से हि कांग्रेस के, आप के, सपा के और बसपा के तथा अन्य पार्टियों के तथाकथित नेता किस आधार पर देश के गृह राज्य मंत्री और ऊनके बेटे के ऊपर किसानों की हत्या का आरोप लगा रहे हैं। वो कौन से साक्ष्य हैं या साक्षीदार है जिनके आधार पर विपक्षी इतना छाती पीट पीट कर आशीष मिश्रा कि गिरफ्तारी कि बात कर रहे हैं, अब तक तो सबकुछ हवा में है।