अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (अभाविप) ने आपातकाल के दौरान एक महत्त्वपूर्ण संघर्ष किया। आपातकाल भारतीय इतिहास की एक अंधेरी घटना थी, जिसके दौरान न्यायप्रियता, मुक्त विचार और लोकतंत्र की प्रणाली को धीरे-धीरे नष्ट किया गया।
The history of religious atrocities in JNU is one of the most overlooked facts of the campus. In previous years, especially since the 2010s a series of religious atrocities have taken place.
Students are not going to accept terrorist worshiping and anti-national slogan raising. These common students are never going to accept violence and vandalism on the campus.
क्या एक सभ्य लोकतंत्र को चलाने हेतु आवश्यक नागरिकों की नस्ल को पैदा करने और प्रशिक्षित करने के उद्देश्य में इस तरह के विरोध प्रदर्शन किसी तरह से उपयोगी हो पाएँगे? या ये अराजकता और तानाशाही को जन्म देंगे?
आपराधिक वारदातों के बढ़ने की एक ख़ास वजह यह भी है कि जब तक केंद्र में मोदी सरकार नहीं आयी थी, तब तक तो इन अर्बन नक्सलियों को अपनी गुंडागर्दी करने की पूरी छूट मिली हुई थी क्योंकि कमोबेश इन लोगों की विचारधारा का समर्थन करने वाली सरकारें देश की सत्ता पर अपना कब्ज़ा जमाये हुए थीं.