Sunday, November 3, 2024

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international women's day

सुनो तेजस्विनी, सारे दिन तुम्हारे हैं

आश्चर्य है, स्त्रियों के जीवन में इतना व्यापक परिवर्तन होने के बाद भी, वामपंथ प्रायोजित नारी विषयक मुद्दे नहीं बदले, कविताएँ नहीं बदलीं और उनकी मांगें भी उसी कूप के मंडूक की तरह वहीँ कूदती रहती हैं।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस जहां से शुरू हुआ वहां तो भारत से सीख लेकर महिलाओं को काली रूप धारण करना चाहिए!

विद्या की देवी सरस्वती, धन की देवी लक्ष्मी, महारानी अवंतीबाई, विदुषी गार्गी, रानी लक्ष्मीबाई, महारानी झलकारी बाई, इंदौर की उदारमना शासक देवी अहिल्याबाई, गोंडवाना की शासक रानी दुर्गावती, रानी रुद्रम्मा देवी, रानी चेनम्मा, रानी और अनेकानेक उदाहरण हमारे समाज में मौजूद है।

महिला को सहारे की नहीं, बल्कि अवसर की जरूरत है

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को मनाने का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य महिलाओं और पुरुषों में समानता बनाना और इसके प्रति लोगो में जागरूकता लाना है। लेकिन आज इतने सालों बाद भी दुनियाँ भर में ऐसे कई देश हैं, जहां महिलाओं को समानता का अधिकार प्राप्त नहीं है।

बराबरी की होड़ में,आधुनिकता की दौड़ में महिलाऐं!

बराबरी की होड़ में,आधुनिकता की दौड़ में,मेरी सहेलियों पीछे छूट रहा हमारा सच्चा अवतार है !

Leftists’ feminism is an insult to womanhood: An open letter to women on women’s day

Feminism was and is a good and powerful tool but the Left-Liberals have made it a weird thing. Radical feminists literally hate men and blame everything on patriarchy when things don’t go their way.

Gender equality is beyond offering reservation to women

To achieve gender equality, one needs to understand the inherent bias that exists in our society that creates a skewed distortion against women.

Women’s day is not just about offering gifts to the woman in your life

Life starts from a woman's womb and there is no alternative to it. Thus, not just on women's day, but it's everyone's responsibility to show extreme respect towards women on all days.

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