इस पर चलने वाली ट्रेन विवेक एक्सप्रेस यह दूरी 82 घंटे में तय करती है। इसकी दूरी तो ऐसे असाधारण बनाती ही है साथ ही साथ इस सफर में ये 8 रज्यों से होकर गुजरती है।
16 अप्रैल को ही भारत में इस प्रकल्प की शुरुआत हुई थी। रेल तबसे आज तक देश की धड़कन बन चुकी है। जो जिम्मेदारी मानव शरीर में खून की है, वही जिम्मेदारी देश के विकास में रेल निभाती है।
It is amazing how we continue to demonise private industries and industrialists despite the fact that the Nehruvian socialism and nationalisation led us to the precarious economic situation in 1991.
भारत को एक करने का जो महान कार्य सरदार वल्लभभाई पटेल ने किया था वैसा ही महान कार्य भारतीय रेल भी कर रही है। ये केवल दो शहरों को नहीं जोड़ती अपितु तीर्थों, त्योहारों, खान-पान की आदतों, पहनावे के ढंग और भाषाई विविधताओं को जोड़ती हैं।
Tejas certainly appears to be a finely knitted offering, phenomenally improving the train travel experience but will this necessarily become a commercial success for Indian Railways?