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Gyanvapi Mosque
ज्ञानवापी, इस्लाम हि नहीं, अब्राहम से भी प्राचीन है
जब इस धरा पर ना तो अब्राहम थे, ना यहूदी थे, ना ईसाई थे और ना इस्लाम था और यही नहीं जब ना तो रोमन सभ्यता थी, ना तो बेबिलोनिया की सभ्यता थी, ना तो मिश्र की सभ्यता थी, ना मेसोपोटामिया अस्तित्व में थी और ना माया और यूनानी सभ्यता थी, तब भी हमारे भोले बाबा की काशी थी जिसे आज आप बनारस या वाराणसी के नाम से जानते हैँ।
Why reconstruction of Gyanvapi Mandir was not possible before 1778-1780
Here are various truths based on historical events associated with Gyanvapi Mandir.
The places of worship (special provisions) act, 1991, काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद
मुसलिम तुष्टिकरण के अंधी दौड़ में आँखे बांधकर दौड़ने वाली अंग्रेजो द्वारा निर्मित कांग्रेस किस प्रकार हम सनातन धर्मीयो को धोखा देती चली आ रही है। खैर ये अधिनियम तो बिलकुल भी ओवैसी और कश्मीर की ज़हर उगलने वाली खातून मेहबूबा मुफ़्ती को कुछ भी नहीं दे पायेगा।