हमारे पुरखों ने भी समय समय पर कभी राणा प्रताप बन कर तो कभी शिवाजी और गुरुगोबिंद सिंह बन कर धर्म और देश की रक्षा के लिये अपने प्राण तक लुटा दिये। और अब हमारी बारी है धर्म और देश की रक्षा करने की।
Whatsapp came into existence much later, these lynchings along with the lynchings in the name of child lifters have been there way before it. So, who benefits the most if whatsapp is discredited?