Sunday, May 28, 2023

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Chattrapati Shivaji

राष्ट्रीय-जीवन में छत्रपति शिवाजी का ऐतिहासिक अवदान

23 जून, हिंदू साम्राज्य-दिनोत्सव (शिवाजी का राज्याभिषेक) पर

शिवाजी और उनका लोकाभिमुख शासन-तंत्र

शिवाजी महाराज की शासन-व्यवस्था लोकाभिमुख थी। वे एक निरंकुश शासक की बजाय लोककल्याणकारी शासक के रूप में हमारे सामने आते हैं। ए

समय एवं समाज की चेतना को झंकृत करने वाले- छत्रपति शिवाजी

शिवाजी का उदय केवल एक व्यक्ति का उदय मात्र नहीं था, बल्कि वह जातियों के उत्साह और पुरुषार्थ का उदय था, गौरव और स्वाभिमान का उदय था, स्वराज, सुराज, स्वधर्म व सुशासन का उदय था और इन सबसे अधिक वह आदर्श राजा के जीवंत और मूर्त्तिमान प्रेरणा-पुरुष का उदय था।

शिवाजी महाराज मतलब अदम्य साहस, महिला सम्मान और गुरिल्ला वारफेयर के उस्तादों के उस्ताद

छत्रपति शिवाजी महाराज अप्रतिम योद्धा, कुशल रणनीतिकार और सामाजिक रूप से वसुधैव कुटुंबकम के प्रणेता थे। उनकी महान सोच और उनकी दूरदृष्टि ने मराठा साम्राज्य की नींव डाली जिसने संख्या में कम होने के बाद भी दक्कन में निज़ाम और उत्तर में मुगलों को लालकिले ही हद तक सीमित कर दिया था।

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