ऐसे हिन्दू योद्धाओं का संदर्भ हमें हमारे इतिहास में तत्कालीन नेहरू-गाँधी सरकार के शासन काल में कभी नहीं पढ़ाया गया। पढ़ाया ये गया, कि अकबर महान बादशाह था। फिर हुमायूँ, बाबर, औरङ्गजेब, ताजमहल, कुतुब मीनार, चारमीनार आदि के बारे में ही पढ़ाया गया।
Maharana Partap was extremely talented from his childhood and he was so full of self-respect that people with the foresightedness saw a great warrior in him.
If it is about celebrating women heroines, then there were plenty actual women warriors like Rani Jhansi, Naikidevi Chandel, Jhalkara bai, Rani Karnavati Panwar Garhwali. Therefore why invent fictional figures, when we have real ones?
आज हम बात करेंगे बाजीराव पेशवा की, जिन्होनें अपने जीवनकाल में लड़े गये सभी युद्धों में जीत हासिल की और लगभग, सम्पूर्ण भारत में कब्जा किये हुए मुगलों को खदेड़कर महाराज शिवाजी के हिन्दवी स्वराज का सपना पूरा किया।
महाराणा का जीवन वर्तमान का निकष है, उनका व्यक्तित्व स्वयं के मूल्यांकन-विश्लेषण का दर्पण है। क्या हम अपने गौरव, अपनी धरोहर, अपने अतीत को सहेज-सँभालकर रख पाए? क्या हम अपने महापुरुषों, उनके द्वारा स्थापित मानबिन्दुओं, जीवन-मूल्यों की रक्षा कर सके?
Legendary Ahom wrote an inexpungible stories of glorious 600 years and 41 king. Modern left historians however deceitfully concealed the valour and might of this dynasty from history books.
Secularism has never inspired anyone to do anything, except indulging in laziness. A nation without history is like a man without soul. We urgently need to recast our history books by focusing on a few critical points.