विरह के गीत कोरोना संकट के बाद फिर से गाये जायंगे फिर भी गाये जायेंगे क्यूंकि ये ऐसा रस है जो बिहार के कणों में सदियों से विराजित है, शायद तब से जब हम पहली बार गिरमिटिया कहे गए थे.
At eighty Veer Kunwar Singh Sangrahalaya goes into active combat battle against Britishers, chops with his own hands his wounded limbs and offers to Ganga Maa for fear of poisoning his body.