मामला अब मात्र प्रशांत भूषण के माफी मांगने तक सीमित नहीं रह गया है। यह एक बहाना है। उनका असली मकसद देश की संवैधानिक संस्थाओं के प्रति आम लोगों में अविश्वास की भावना विकसित करने के लिए एक नरैटिव तैयार करना है, जिससे लोगों के भीतर अपनी ही सरकार और संस्थाओं के प्रति भरोसा कम होता जाए।
उदारवादी और वामपंथी महिला समूहों ने ऐसा वातावरण बनाने का प्रयास किया मानो, ब्रा स्ट्रैप छुपाने के लिए टोका जाना ही आज की लड़की के जीवन की सबसे बड़ी समस्या है।