Wednesday, April 24, 2024

Hindi

पाताललोक के बहाने मृत्युलोक पर हिन्दुओं के प्रति सिनेमाई घृणा का पोस्टमार्टम

पाताललोक अपराध की दुनिया पर आधारित एक वेब सीरीज है। यहां अपराधी हैं, पुलिस है, राजनेता और उनके दाएं-बाएं हाथ हैं, आम आदमी है और मुसलमान हैं। आपको लग रहा होगा कि सिर्फ इतना होने पर विवाद क्यों?

“फ्लाइंग किस” सीखना उन पर छोड़ दीजिए

यदि आपको यह दोहरा चरित्र समझ में आता है तो अपने बच्चे को, “प्रणाम” करना सिखाइए, यही आयु है उसकी। “फ्लाइंग किस” सीखना उस पर छोड़ दीजिए। आयु और समय आने पर वह स्वयं सीख लेगा। “फ्लाइंग किस” कोई संख्याओं या संस्कारों का अभ्यास नहीं है जो माता पिता या परिवार को सिखाना पड़े, आयु मूलक व्यवहार है।

आखिर क्या है वीर सावरकर का हिंदुत्व जिससे वामपंथी चिढ़ते हैं?

सावरकर का मानना था कि सामाजिक अनुबंध के आधार पर राष्ट्र राज्य मजबूत नहीं हो सकता है तथा राष्ट्रीय एकता स्थापित करने के लिए कोई मजबूत बंधन आवश्यक है। आज जब देश के अलग-अलग क्षेत्रों में जिहादी-वामपंथी गठजोड़ के नेतृत्त्व में अलगाववादी आवाज़े उठती हैं तो सावरकर का सामाजिक अनुबंध को लेकर दृष्टिकोण स्पष्ट समझा जा सकता है।

मुंबई के कांदिवली से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 10 स्वयंसेवक बैरंबाग के मुस्लिम बस्ती(रेड ज़ोन) में स्क्रीनिंग के लिए रवाना हुए

कई बार संघ के विरोधी भी देख कर दंग रह जाते है कि ये लोग किस मिट्टी के बने है हम इनका तिरस्कार करते हैं और ये देश सेवा में व्यस्त रहते हैं और संघ स्वयंसेवकों की प्रसंशा करने पर विवश हो जाते हैं।

भारतीय इतिहास के एक स्वर्णिम अध्याय का नाम है वीर सावरकर

जिसके भाई को जेल भेज दिया गया हो, पत्नी और भाभी बेघर हो गईं हो, ससुर की नौकरी छीन ली गई हो, वह इन मुसीबतों में भी अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटा, बल्कि मुसीबतों के पहाड़ को चीरता चला गया। उस त्याग, समर्पण और राष्ट्रभक्त का नाम है सावरकर।

यूपी के लोगों को नौकरी पर रखने के लिए लेनी पड़ेगी योगी सरकार की अनुमति

कोरोना वायरस के चलते श्रमिकों ने जिन समस्याओं का सामना किया है अपने घर वापस जाने के लिए, उसके चलते यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने एक बहुत बड़ा बयान दिया हैं की, अब से अगर किसी और राज्य को हमारे यहाँ से कामगार चाहिए होंगे तो उनको यूपी सरकार से अनुमति लेनी होगी।

अशोक: महानता के कथानक को एक गंभीर स्क्रूटनी की आवश्यकता है

262 ईसा पूर्व में अशोक ने कलिंग पर हमला किया था जबकि लघु शिलालेखों से हमें पता है कि अशोक लगभग 2 साल पहले ही बौद्ध धर्म अपना चुका था। इसके अलावा धर्म परिवर्तन करने से एक दशक पहले से उसके बौद्धों के साथ संबंध प्रतीत होते हैं। यह साक्ष्य साबित करता है कि उसका बौद्ध धर्म अपनाना उत्तराधिकार की राजनीति ज्यादा रही होगी, युद्ध की त्रासदी से उपजा पश्चाताप कम।

छत्रपति संभाजी महाराज: सनातन धर्म के रक्षक और मुगलों का काल

आँखे फोड़ने के बाद उनकी खाल भी उतारी। उसके बाद नमक का पानी डाला गया। फिर भी उन्होने इस्लाम नहीं कबूला। हाथ पाव तोड़कर उनके सर को काँटा गया। फिर भी उन्हें सनातन धर्म ही भाया।

पीरटांड़ प्रखंड के तुइयो गांव के सरकारी तालाब में फेंका गया गाय का खाल, प्रत्यक्षदर्शी ने कहा मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दिया घटना...

यह कहना अतिशयोक्ति न होगी कि नेहरूवादी गणराज्य खुद को एक आदर्शवादी 'अशोकअन एंपोरियम' के रूप में प्रदर्षित करने के लिए प्रयासरत दिखाई देता था।

FIR Jihad : एक आधुनिक जिहाद

वो FIR करके हमारी साहस को तोड़ना चाहते हैं पर ऐसा होने वाला नहीं

Latest News

Recently Popular