Friday, March 29, 2024

Hindi

शमशान के वैराग्य सा व्यवहार- “मैं हूँ ना”

जब तक परिवारों के बड़े, संतानों की सफलता –असफलता, हार –जीत जैसी बातों को अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा का मापदंड बनाये रखेंगे संतानें स्वाभाविक रूप से तनाव और अवसाद का शिकार होंगी और अतृप्ति में जीते ये लोग उन्हें राह नहीं दिखा पाएंगे.

स्वदेशी, स्वावलंबी, आत्मनिर्भर भारत – संकल्प राष्ट्र का

आत्मनिर्भर भारत मतलब विदेशो की बैसाखी का सहारा छोड स्वयं के पैरो पर खडा भारत, अपनी आत्मा पर निर्भर भारत और भारत की आत्मा उसकी ज्ञान, संस्कृति, सिद्धांत व मूल्य आधारित व्यवस्थायें है, अर्थव्यवस्था जिसका की एक महत्वपूर्ण अंग है।

पिता

कभी जिया बेफ़िक्री में, आज उनके हर क़दम की, ख़बर लेता हूँ, मैं पिता हूँ।

सत्ता की भूखी कांग्रेस भारत विरोधी हो जाए तो आश्चर्य न किया जाए; कांग्रेस की कुंठा का विश्लेषण

2014 के बाद से कांग्रेस सत्ता से दूर हो जाती है और यह ध्यान देने योग्य विषय है कि सत्ता से दूर रहने वाली कांग्रेस, सत्ता में रहने वाली कांग्रेस से अधिक घातक हो जाती है।

आज का भारत

पर इस बार मोदी ने लाइन खींच दी है, विश्व को भी आगाह किया है की पागल हाथी बहुत विन्ध्वंस लाता है। डैगन की सारी आग उसी हिमालय में बर्फ बन जाएगी और हाँथी जिधर चलेगा उधर शमशान बनता जाएगा।

आइन्स्टीन, चीन, सीमा विवाद और एक्यूप्रेशर

चीन की साम्राज्यवादी मानसिकता ने उसे हमेशा युद्ध में उलझा कर रखा है. औपनिविशिक काल के पहले जिस प्रकार एक राजा दूसरे पर हमला कर राज्य पर कब्ज़ा करते थे, चीन वैसा ही बाद में भी करता रहा.

चीन और भारत आमने-सामने

विश्व का सर्वाधिक यूरेनियम उत्पादक देह ऑस्ट्रेलिया है जो चीन को यूरेनियम उपलब्ध करवाता था और मौजूदा समय में वह चीन के साथ किसी भी प्रकार का व्यापारिक और राजनितिक संबंध रखने को तैयार नहीं है। यूरेनियम की इसी जरुरत को पूरा करने के लिए चीन लद्दाख को अपने अधीन करने की नापाक कोशिश में जुटा है।

क्या इसे ही कहेंगे गंगा जमुनी तहजीब?

किसी भी तरह का फर्जी खबर बना कर किसी परिवार को और किसी की संस्कृति पर कुठाराघात करने की क्या आवश्यकता आन पड़ी? फेक न्यूज़ फैलाने वालों पर अब तक कोई कार्यवाई क्यों नही हुआ?

रण आमंत्रण

जब आ पड़ी थी मान पे, तब युध्द के मैदान में, खुद सारथी बन आ खड़े हुए, श्री कृष्ण कुरुओ के सामने।

चीन और पाकिस्तान का भारत पर सर्जिकल स्ट्राइक: एक बार नहीं कई बार

जब चीन के सामानों के बहिष्कार की लहर चल रही थी तो अपने ही देश के कुछ लोग चीन की वफादारी में लगे थें। हाँ ये बात अलग है कि अब वैसे लोग जेल जा रहे है जो अच्छी बात है।

Latest News

Recently Popular