Tuesday, April 16, 2024

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किसान मुद्दा- क्या केवल विपक्ष जिम्मेदार है?

उचित तर्कों के अभाव में जो लड़ाई विपक्ष संसद में हार गया उसे वो भोले भाले लोगों को गुमराह करके सड़कों पर जीतने का प्रयास कर रहा है।

गाँधी हाथरस में!

महात्मा ने इस बार अपना जन्मदिन ना मनाने का फैसला किया है। वो विगत कुछ दिनों से होने वाले महिला अत्याचारों से व्यथित हैं। उनका सबसे बड़ा दुुुख न्याय का घुुुट घुुुट कर दम तोड़ देेंना है।

समकालीन मुद्दे और वाम-पंथ

भारतीय संस्कृति के बारे में इतिहासज्ञों एवं विद्वानों के पास एक भी प्रमाण ऐसा नहीं है कि जो इस सनातन संस्कृति को संकीर्ण, परंपरावादी, धर्मांध, नारी विरोधी एवं दलित विरोधी साबित कर सके। किंतु, जब भी कोई दुष्कर्म जैसी घटना होती है तो उसके तमाम संदर्भों को भुलाकर चोट केवल सनातन के प्रतीकों पर होती है।

“माल है क्या?” देश में माल की कमी से जूझता ड्रगवुड, प्रधानमंत्री क्यों है खामोश

2014 से पहले मुझे बराबर मेरा माल मिलता था लेकिन जब से आपकी सरकार आई है तब से धीमे धीमे माल की कमी से मुझे जूझना पड़ रहा है। साल 2017 तो मेरे लिए इतना खराब रहा कि नशा पाने के लिए मात्र फोन से ही काम चलाना पड़ता है।

सुनो तेजस्विनी, सिगरेट, शराब, ड्रग्स, गाली गलौच “कूल” नहीं है

पिछले लगभग ढाई दशकों में कुछ अपवादों को छोड़कर स्त्री विकास या स्त्री सशक्तीकरण पर बाज़ार और उपभोक्ता संस्कृति का प्रत्यक्ष प्रभाव रहा है, जिसके कारण उसका संघर्ष शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन, निर्णय क्षमता और अधिकार, आध्यात्मिक विकास जैसे मूल विषयों से भटक कर, “मैं जो चाहूं वो करूँ” पर सिमट कर रह गया है।

पंचवक्त्र महादेव मंदिर, मंडी (हिमाचल प्रदेश)

भगवान शिव को समर्पित यह अद्भुत स्थल सुकेती और ब्यास नदियों के संगम पर स्थित है। पंचवक्त्र महादेव मंदिर एक अत्यंत ही प्राचीन धार्मिक स्थल है। इसका निर्माण राजा अजबर सेन ने 16वीं सदी के पूर्वार्द्ध में करवाया था।

बिहार में का बा

ये एक ऐसा सवाल है जो चुनाव ख़त्म होने के बाद अगले पांच साल हम जरुर पूछते है पर जब वोट डालने का समय आता है तब हम बिहार को भूल कर जातिवाद जैसे विभाजनकारी मानसिकता को चुन लेते है। इस मानसिकता को बदले बिना हम बिहार के विकास की कल्पना भी नहीं कर सकते।

25 सितम्बर/जन्म-दिवस एकात्म मानववाद के प्रणेता दीनदयाल उपाध्याय

सुविधाओं में पलकर कोई भी सफलता पा सकता है, किन्तु अभावों के बीच रहकर शिखरों को छूना बहुत कठिन है। 25 सितम्बर, 1916 को जयपुर से अजमेर मार्ग पर स्थित ग्राम धनकिया में अपने नाना पण्डित चुन्नीलाल शुक्ल के घर जन्मे दीनदयाल उपाध्याय ऐसी ही विभूति थे।

जांबाज पुलिस

"बीजेपी और आरएसएस के एजेंट पाए जाने पर सख्त कार्यवाही होगी। बुकिंग था कि नहीं यह जांच का विषय नहीं है! धार्मिक आधार पर भेदभाव बर्दास्त नही होगी। "नो बॉडी विल ट्राय टू डिस्टर्ब कम्युनल हार्मोनी इन बंगाल! मा माटीर मानुस! जय बंगला! अमार बंगला! सोनार बंगला! विश्व बंगला! जय कोलकाता पुलिस।"

किसान, फसल और राजनितिक दखल

मोदी सरकार कृषि बिल 2020 ले कर आयी है। यह कानून हमारे कृषि प्रधान देश के किसानो को सशक्त बनाता है। इस बिल में उनकी समसयाओ के व्यवहारिक समाधानों का प्रावधान है। परन्तु यह दुर्भाग्यपूर्ण है की राजनितिक स्वार्थ के लिए किसानो को भड़काया जा रहा है।

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