Saturday, April 20, 2024

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अपनी जान जोखिम में डाल लोग कर रहे टूटे पुल को पार

गहलोत सरकार सिर्फ जातिवाद के नाम पर राजनीति करती है गाँवो मे विकास के नाम पर दिखावे को सड़के पहुचा देती है जो एक बारिश के आते ही साफ हो जाती है पुल को कच्चा बनाकर लोगो को अपनी जान जोखिम मे डालने को छोड देती है।

खेल भावना के आगे सब कुछ गौण

इस बार वाला ओलंपिक हम सभी के लिये बहुत ही गौरव वाला रहा है क्योंकि पहली बार ओलंपिक इतिहास के 125 साल में हमारे राष्ट्र भारत के लिये सर्वाधिक 7 पदक जीते गये हैं क्योंकि अभी तक ओलंपिक में 6 पदक तक ही जीत पाये थे।

असुरक्षित दिल्ली और सरकार का रिसता इकबाल

क्या ये तथाकथित आंदोलनकारी इतने फौलादी हो गए हैं कि इनसे निपटने के लिए आपके तरकश में कोई तीर नहीं है। क्या मौलवी इतने ताकतवर हो गए हैं कि किसी भी फ्लाईओवर पर मजारों के नाम पर सरकारी जमीनों पर कब्जा कर लें।

सदियों का भेदभाव और अत्याचार

ये जो सदियों से भेदभाव और अत्याचार वाली कहानियां सुनाई जाती हैं ना हिन्दूओं को, ये सब हिन्दुओं को आपस में लड़ाने के षड्यंत्र हैं बस।

स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री के भाषण के लिए आमजन से मांगे सुझाव

प्रधानमंत्री कार्यालय ने माय-गव की पोस्ट को टैग करते हुये ट्वीट किया हैः "लाल किले की प्राचीरों से आपके विचार और सुझाव गुंजायमान होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 15 अगस्त के व्याख्यान में शामिल करने के लिये आपके क्या विचार और सुझाव हैं? अपने विचारों-सुझावों को @mygovindia पर साझा करें।"

आरक्षण वरदान या श्राप?

सरकार से सामान्य वर्ग के लोग आरक्षण का मांग नहीं करते हैं लेकिन स्कूल कॉलेज यूनिवर्सिटी में बेसिक भेदभाव ना हो इतना तो सामान्य वर्ग के विद्यार्थी इस भारत से अपेक्षा रखता ही है।

भारत का सबसे लंबा रेल मार्ग डिब्रुगढ़ से कन्याकुमारी है

इस पर चलने वाली ट्रेन विवेक एक्सप्रेस यह दूरी 82 घंटे में तय करती है। इसकी दूरी तो ऐसे असाधारण बनाती ही है साथ ही साथ इस सफर में ये 8 रज्यों से होकर गुजरती है।

चिकित्सा क्षेत्र में पिछड़ी जाति आरक्षण और तथाकथित पिछड़ी जाति के नेता बैकफुट पर

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आरक्षण का घोषणा करते हुए इनके हाथ से दंगा समेत बेवजह आंदोलन का मुद्दा छीन कर सभी तथाकथित पिछड़ी जाति के राजनीति करने वाले नेता को यूपी चुनाव से पहले बैकफुट पर धकेल दिया।

क्या विधानसभा चुनावों में चुनौती दे पाएगा विपक्ष या योगी आदित्यनाथ के चुनावी चक्रव्यूह में फंसा विपक्ष?

राज्य के सभी राजनीतिक दल और क्षेत्रीय क्षत्रप दल आगामी चुनाव के लिए अपनी-अपनी चुनावी बिसात बिछाने में तेजी से जुट गये हैं, कुछ समय पहले संपन्न हुए पंचायत चुनाव व जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनावों में इसकी बानगी देखने को मिली है।

आरक्षण आंदोलन का सच

एक तरफ आरक्षण का लाभ लेकर तीन-चार पीढ़ी तक अपने ही लोगों को सांसद, विधायक, मंत्री, अफसर आसानी से बना रहे हैं वही गांव की स्थिति इसके विपरीत बहुत ही खराब हैं।

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