Saturday, April 27, 2024
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Sneh singh Rathore

गांधी के बंदर और रविश का अवतार

मोदी कभी गांधी नहीं हो सकता है, तो उसके बहकावे में ना आओ पहले तो ये जान लो की मोदी महिला विरोधी है, हर जगह अकेले ही चल देता है, मै तो अपने टाइम में ईज्जतघर भी बिना चार पाँच महिलाओं के बिना नहीं जाता था।

नशा ही नशा है: लिब्रांडुओं के लिए हाय हाय मोदी के साथ अड़ानी भी मिल गया

क्योंकि वो बंदरगाह अड़ानी के स्वामित्व का है। इसलिए अफ़ीम, चरस जो भी हो उसका मालिक भी वही है और अड़ानी और मोदी दोनो गुजरात के है। तो मोदी भी उसमें हिस्सेदार हैं, और दोनो मिलकर नशे का कारोबार कर रहे हैं।

न्यायपालिका का आँख चुराना

बात यहाँ न्यायपालिका की है जिसके फ़ैसलों को अब देश का एक बड़ा वर्ग संदेह की दृष्टि से देखने लगा है, और इसके लिए न्यायपालिका स्वयं ज़िम्मेदार है।

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