सुषमा स्वराज ने आवेग में Amazon को खुलेआम धमकी देकर जय जयकार तो बटोर लिया, लेकिन उन्होंने कुछ वैसे लोगों को राष्ट्रवाद के नाम पर ट्रोल और परेशान करने का बहाना भी दे दिया, जिनमें भ्रष्टाचार, अपराध, ग़रीबी और अत्याचार को देखकर राष्ट्रवाद नहीं जागता, लेकिन राष्ट्रगान और तिरंगा देखकर जाग जाता है।
किसी राज्य में ग़रीब किसान मरता है तो केजरीवाल दिन भर ट्वीट करते हैं, कहीं किसी ग़रीब को demonetisation के चलते खड़ा होना पड़ता है तो केजरीवाल प्रेस-कांफ्रेंस बुलवा लेते हैं; लेकिन दिल्ली के ग़रीब सफ़ाई कर्मचारियों को जब महीनों महीनों वेतन नहीं मिलता, तब केजरीवाल की सारी कैफ़ियत ही बदल जाती है।