Hindi
हास्य-व्यंग्य: टिकटोकियों को मिलेगा ‘मनरेगा’ में रोजगार
फासीवादी सरकार ने भी टिक टॉक स्टार्स की अद्भुत नौटंकी की कला को दबा नहीं सकी। संघ,भाजपा और आई टी सेल वालों द्वारा सोशल मीडिया पर tik tok को बैन करने के लिए बहुत झाँव-झाँव मचाया गया,साज़िशें रची गई ताकि TIK TOK के नाम पर माइनॉरिटी पीपल अर्थात पंचरवालों का शोषण किया जा सके और उन्हें दबाया जा सके (इसी शोषण की बात को सच्चर कमेटी ने स्वीकारा है।)
Reports
टिक टॉक और रेबीज़ कुमार का दर्द
शुरुआत मोदी सरकार कुछ नहीं बोली लेकिन जब इसका फायदा सीधे तौर पर माइनॉरिटी पीपल अर्थात पंचरवालों को मिलने लगा जिससे भाजपा और संघ परेशान थी और समय -समय पर टिक टोक को बैन करने की साजिश रचने लगे जिसमें एक साजिश #Youtube_Vs_TikTok भी थी।