We cannot make it a daily practice it should be stopped and women's should feel safe in her country. We are bound to this responsibility as we did female worship with pride.
अपराधों में संलिप्त लोगो के साथ वह समाज भी उतना ही जिम्मेदार होता है जो छेड़खानी, लड़के-लड़कियों की आवारागर्दी और सरेराह बेशर्मी जैसी घटनाओं को सामान्य समझकर नज़रअंदाज़ करता है,और फिर बलात्कार होने के बाद पूछता है की कौन जिम्मेदार....?