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Smoking
मादक पदार्थों का दुरुपयोग सामाजिक गंभीर समस्या
अनेक पश्चिमी देशों में मादक पदार्थों के दुरुपयोग को काफी समय से एक महत्वपूर्ण सामाजिक समस्या के रूप में स्वीकार किया जा रहा है लेकिन भारत में पिछले तीन दशकों से नशीली द्रव्यों का सेवन बड़ा ही सामाजिक खतरा बनता जा रहा है।
सुनो तेजस्विनी, सिगरेट, शराब, ड्रग्स, गाली गलौच “कूल” नहीं है
पिछले लगभग ढाई दशकों में कुछ अपवादों को छोड़कर स्त्री विकास या स्त्री सशक्तीकरण पर बाज़ार और उपभोक्ता संस्कृति का प्रत्यक्ष प्रभाव रहा है, जिसके कारण उसका संघर्ष शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन, निर्णय क्षमता और अधिकार, आध्यात्मिक विकास जैसे मूल विषयों से भटक कर, “मैं जो चाहूं वो करूँ” पर सिमट कर रह गया है।