समय बलवान होता है, ये पता था मगर नियती (डेस्टिनी) उससे भी बड़ी होती है, ये आज पता चला और नियती उनका साथ देती है जो धर्म के तरफ खड़े होते हैं! अपने आराध्य के लिए अपना सर्वस्व निछiवर करने वाले सभी कार्यसेवकों को नमन!
Hindus must evolve from sensationalist proclivities to reason and objectivity, for only the tempered and equanimous shall lead the Hindus in this desired resurgence.
लिबरल शब्द से तो ऐसा लगता है कि ये उदारवादी प्रवृत्ति के होंगे पर ऐसा नहीं है। ये अव्वल दर्जे के पाखंडी हैं जिनका एक मात्र काम है हिन्दू धर्म के खिलाफ टिप्पणी या कार्य करना। ये हर वो चीज़ का उपहास करेंगे जो हिंदुओं की भावनाओं से जुड़ी हुई हैं।