राणा अय्यूब जी के हैं। उनके वाशिंगटन पोस्ट में प्रकाशित लेख जिसका हिंदी अनुवाद कुछ इस तरह है "हाथी के क़त्ल की आलोचना करने वाले और अश्वेतों के जीने के अधिकार की बात करने वाले पाखंडी हैं क्योंकि "कश्मीर तेरे खून से इंकलाब आएगा" जैसे नारों के माध्यम से नौजवानों को दंगे के लिए भड़काने वाली सफूरा जरगर के लिए क्यों नहीं रो रहे हैं।