फासीवादी सरकार ने भी टिक टॉक स्टार्स की अद्भुत नौटंकी की कला को दबा नहीं सकी। संघ,भाजपा और आई टी सेल वालों द्वारा सोशल मीडिया पर tik tok को बैन करने के लिए बहुत झाँव-झाँव मचाया गया,साज़िशें रची गई ताकि TIK TOK के नाम पर माइनॉरिटी पीपल अर्थात पंचरवालों का शोषण किया जा सके और उन्हें दबाया जा सके (इसी शोषण की बात को सच्चर कमेटी ने स्वीकारा है।)