अपराधों में संलिप्त लोगो के साथ वह समाज भी उतना ही जिम्मेदार होता है जो छेड़खानी, लड़के-लड़कियों की आवारागर्दी और सरेराह बेशर्मी जैसी घटनाओं को सामान्य समझकर नज़रअंदाज़ करता है,और फिर बलात्कार होने के बाद पूछता है की कौन जिम्मेदार....?
Brutalization of society and individuals is a subject as old as the hills and in any history of the world we will find that it is the brutes that have dominated its pages, while the reconcilers are few and far between.