Ever since Nepal took the initiative to change the map, India has been saying that this unilateral decision of Nepal is not acceptable. Ignoring India’s objections, Nepal is moving towards its own goal.
पिछले कुछ सालो में नेपाल में ये बात उठनी शुरू हुई है की ये जो पूरा समझौता है इसकी समीक्षा की जा रही है। कुछ महीने पहले २०२० में नेपाल की सरकार ने ब्रिटेन सरकार को एक खत लिखा, उस खत में उन्होंने यह कहा के हम १९४७ की संधि को रिव्यु करना चाहते है जिसमें गोरखा सोल्जर्स के बारे में फैसले लिए गए थे।