Belief systems cannot be privileged. The arrest of Munawar Faruqi is deplorable, and so is the killing of Kamlesh Tiwari, more heinous though the latter action is.
इस्लाम पर टिप्पणी करने पर किसी को देश निकाला मिला, कोई मार दिया गया , किसी के सिर पर करोड़ों का इनाम रख दिया. देश में अभिव्यक्ति की आजादी को क्यों दबाया जा रहा, अगर टिप्पणी की थी तो कमलेश ने जेल भी तो काटी थी