व्यवस्था का लाभ उठाकर 2001 से 2007 के बीच गुपकार गैंग वालों ने मिलकर जम्मू-कश्मीर को जहाँ से मौका मिला वहाँ से लूटा, खसोटा, बेचा व नीलाम किया और बेचारी जनता मायूसी के अंधकार में मूकदर्शक बनी देखती रही।
2001 में तत्कालीन फारुख अब्दुल्ला की नेशनल कोन्फ्रेंस सरकार रोशनी एक्ट के नाम से एक बिल लेकर आई। उस बिल के अनुसार जम्मू में शरणार्थियों को उस जमीन पर कब्जा दिया जाएगा, जिस जमीन पर वो रह रहे थे।