Saturday, November 2, 2024

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जातिगत जनगणना या सरकारी नौकरी, वोट बैंक और सुविधाओं का बंदर बाँट?

साफ तौर पर देखा जा सकता है कि जातीय जनगणना का मकसद केवल ये साबित करना है कि पिछड़ी जातियों की संख्या ज्यादा है और उनकी संख्या के मुताबिक ही सरकारी नौकरियों, शिक्षण संस्थानों में उनका प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाए।

जातिगत जनगणना एक और अभिशाप

सनातनधर्मीयों को जाती पाती में बाँट कर राज करने की कला।

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