सुविधाओं में पलकर कोई भी सफलता पा सकता है, किन्तु अभावों के बीच रहकर शिखरों को छूना बहुत कठिन है। 25 सितम्बर, 1916 को जयपुर से अजमेर मार्ग पर स्थित ग्राम धनकिया में अपने नाना पण्डित चुन्नीलाल शुक्ल के घर जन्मे दीनदयाल उपाध्याय ऐसी ही विभूति थे।
If we can reflect the westerners for their "liberal" views, maybe we should be liberal in changing the names from the oppressive Mughal era's oppressive regime to reflect the names encultured for the people of the region?