स्वतंत्रता के बाद भारत में इस प्रकार की स्थिति पहले कभी नहीं देखी गयी होगी, भारतीय राजनीति में सभी मर्यादाएं टूट रही हैं। सभी राजनैतिक दलों ने कानून की व्याख्या अपने हिसाब से तय कर ली है।
सिंघु बॉर्डर पर लखबीर सिंह की तालिबानी तरीके से की गई हत्या ने अब कई सवाल खड़े कर दिए हैं. पहला सवाल यह है कि आखिर भारत जैसे देश में भी क्या इस तरीके से किसी की हत्या की जा सकती है?
इन आन्दोलनों की जिम्मेदारी राकेश टिकैत ने ली थी। इस हत्या का जिम्मेदार राकेश टिकैत को ठहराना गलत नही होगा, क्योकि जब से किसानो के नाम पर आन्दोलन शुरु किया है जब से हिंसा की खबरें ही आ रही है उच्च न्यायालय गहरी नींद मे सो रहा है।