हाल के ही दिनों में दो प्रमुख घटनाएँ सामने आयीं है जिसे देख के लगता है की भारत में जातिवादी भावना भरी गई है ताकि हिन्दुओं में टकराव बना रहे और कुछ तथाकथिक धर्मनिरपेक्ष राजनितिक दल अपना प्रभाव और प्रभुत्व भारत में बना के रख सकें।
आज जो अफ्रीकन अपनी संस्कृति छोड़ कर धर्मपरिवर्तन कर के इसाई बन गए हैं और रंगभेद का विरोध कर रहे हैं उन्हें तो सबसे पहले इसाई धर्म छोड़ देना चाहिए, क्यूंकि वे वही बाइबल और चर्च को मान रहे हैं जिसमे सीधे तौर पे कहा गया है की गोरे लोग ही पवित्र है और काले लोग अपवित्र हैं और उन्हें गुलामी करने के लिए ही बनाया गया है।
Christian Missionaries blackmail vulnerable people to choose between being able to follow their traditions and being able to feed their family. In desperate times, many people convert.
इस्लामिक कट्टरवाद भारत के लिए सीधा शत्रु है लेकिन ईसाई कट्टरवाद अदृश्य खतरा है जो कि भीतर ही भीतर हमें खोखला कर रहा है। हमें भूतकाल से सीखना होगा कि किस प्रकार रोमन सभ्यता और साम्राज्य का विनाश हुआ। कहीं ऐसा न हो कि हमें भी वही दिन देखने पड़ें!
By All India Anti-conversion law, the sugar coating of the Christian missionaries and love jihad by Mullahs on poor and misguided Hindus won’t be possible and this will help maintain original demography and will diminish the religious- disharmony in the country.