The only possible purpose that NOTA could serve is expressing your dissent - something which can be done much more effectively on social media these days on different politically active family and friends Whatsapp groups, or on Twitter.
इसमें कोई संदेह नहीं है कि राहुल गाँधी के घोषणा-पत्र में भारी आर्थिक रियायतों का ऐलान होगा, कर्जमाफी जैसे वादे होंगे, कई ऐसे वादे होंगे जो आँखें चौंधिया देंगी क्योंकि कांग्रेस के पास इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है।