Sunday, November 3, 2024

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Anubhav Sinha

जो भविष्य में तख्त़ और SOTY-3 को 100 करोड़ की opening दिलाएंगे, उनके लिए जल में रहकर मगरों से बैर पाल रही है...

आज के पूंजीवादी समाज में केवल सराहना कर देना मात्र उपाय नहीं है, वित्तीय तौर पर सहयोग अति आवश्यक है।अलग-अलग किस्म के विज्ञापन, प्रचार या समीक्षाओं से सम्मोहित न होकर अपने दिमाग एवं दिल का इस्तेमाल करते हुए किसी भी कला को पहचानना और उसके आधार पर ही उसे सराहना या आर्थिक सहयोग प्रदान करना ही हमारी शैली होनी चाहिए।

AMU की पाक ज़मीं से उपजा भारत के Secularism का रखवाला निर्देशक

अगर अनुभव सिन्हा एक एजेंडा से भरे निर्देशक नहीं बल्कि सचमुच दलितों के पक्ष कार एवं भला चाहने वाले व्यक्ति हैं तो क्या वे अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी जिसके वह alumni रहे हैं में दलित आरक्षण के मुद्दे को उठाएंगे? क्या देश के अन्य विश्वविद्यालयों की तरह एएमयू जैसे विश्वविद्यालय में भी दलितों को आरक्षण का अधिकार नहीं?

New trend of Bollywood: Selling mediocre movies using social issues

The reason behind Bollywood’s propensity for brazen exploitation of stereotypes is their easy acceptability by the audience which lessens the pressure on the filmmaker to be more creative.

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