Monday, May 6, 2024

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Abusing Hinduism

We need an alternative right of the BJP

We must explain and carry forward the values we have inherited with Hinduism to our coming generations.

कमलेश तिवारी का कत्ल पहला मामला नहीं, दुनिया भर में अभिव्यक्ति की आजादी दबाने में इस्लामिस्ट सबसे आगे

इस्लाम पर टिप्पणी करने पर किसी को देश निकाला मिला, कोई मार दिया गया , किसी के सिर पर करोड़ों का इनाम रख दिया. देश में अभिव्यक्ति की आजादी को क्यों दबाया जा रहा, अगर टिप्पणी की थी तो कमलेश ने जेल भी तो काटी थी

सेकुलरिज्म या दिखावा, धर्म के नाम पर व्यक्तिगत आजादी का हनन क्यों?

सेकुलरिज्म की आड़ में अपने अजेंडे सेट करने वालों के लिये यही सवाल खड़ा होता है कि क्या अब सभी को एक दूसरे के धार्मिक त्योहारों पर बधाई देना, उनकी ख़ुशी में शामिल होना, उनमे भाग लेना बंद कर देना चाहिए?

क्या मोदी का, ”हिन्दू राष्ट्रवाद” एक यथार्थ है?

हिंदुत्व की विचारधारा बढ़ाने से जो हिन्दू जातियो में विभाजित थे वो धर्म के नाम पर इकठ्टे हुए, उच्च जाति से लेकर अनुसूचित जाति के लोग भी एक ही झंडे के नीचे नज़र आये जो 2014 में बीजेपी के विजय का एक प्रमुख कारण भी रहा।

A revisit of the philosophy of Hinduism as described by Ambedkar

Hindu philosophy by Ambedkar was an economist's interpretation of Hinduism.

The real Kashmiri identity: What they want to protect is Islamiyat masquerading Kashmiriyat

Kashmiris are so desperate to protect their Islamic identity, whose true home is in distant lands of middle-east, that they are willing to sever bonds with their brethren who are made from the same soil, water and air as they are.

सती प्रथा: एक समग्र विश्लेषण

विधवा विवाह और सती प्रथा दो विपरीत प्रथाएँ हैं जिनका सह-अस्तित्व कभी भी संभव नहीं। अर्थात अगर विधवा विवाह प्रचलित है तो सती प्रथा का कोई औचित्य ही नहीं है। निस्संदेह सती प्रथा मूल हिंदू धर्म का कोई अंग नहीं था। फिर यह कुरीति समाज में कैसे शुरू हुई?

Why the Hindus revere the cow and try to ban cow slaughter and Beef in India

If prudence is used, the cows are productive till the end of their lives. Thus, even if her spiritual expect is omitted, she probably qualifies as a mother.

माखनलाल पत्रकारिता विवि में मोदी को गरियाने वालों को दी जा रही है नौकरी

माखनलाल पत्रकारिता विवि में अब नौकरी के लिए नए मानक तय किए गए हैं। विवि ने उन लोगों को नौकरी दी जा रही है जिन्हें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गरियाने में महारथ हासिल है, जिन्होंने मोदी को गरियाने में पीएचडी की हो।

हम हिन्दू व सहिष्णुता

आदिकाल से भारत भूमि ने हमेशा संकट से घिरे हुओं को स्वयं पर घाव झेल कर भी शरण दी। किन्तु आज इसके मूल धर्म व संस्कृति पर ही असहिष्णुता का मिथ्या आरोप।

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