आपको इस तथ्य से अवगत होने में आश्चर्य महसूस होगा कि पूरे संविधान को लिखने के लिए किसी भी उपकरण का इस्तेमाल नहीं किया गया था अपितु दिल्ली के रहने वाले स्व श्री प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने अपने हाथों से इटैलिक शैली में इस विशालग्रंथ, अर्थात संपूर्ण संविधान को लिखा था।