बिना किसी को पता चले, बिना किसी मिसाइल तकनीक के, बिना किसी शारीरिक कठिनाई के, इस वायरस ने पूरी दुनिया को घुटने के बल ला दिया। जहाँ आतंकवादी संगठन करोड़ों-अरबों का निवेश करके परमाणु हथियार बनाने की कोशिश में रहते है वहीं इस वायरस ने व्यक्ति के शरीर को ही मिसाइल की तरह प्रयोग किया और दुनिया को शोक सभा बना दिया।