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पुलवामा
पुलवामा अटैक: 14 फरवरी का दिन दुःखद, स्वर्ग जैसी धरती हुई थी खून से लहूलुहान
आज भी पुलवामा अटैक के उस मंजर को याद कर हर किसी की आंखे नम हो जाती है। वीर शहीदों की शहादत को आज भी पूरा देश नमन करता है।
हैवानियत की रेस: इंसानों की बेशर्मी देख गिद्ध भी लज्जित हुए
mrsinha -
दो गिद्ध अपनी हैवानियत साबित करने जब इंसानों की भीड़ में पहुँचे, एक स्वर में बोले- "हम दोनों ही अपनी हार स्वीकार करते हैं। आज हमारा घमण्ड चूर चूर हो गया। इंसानी बुद्धिजीवियों की भीड़ थी वहां पर"।