Thursday, April 25, 2024

Opinions

उर्दू गालियों की विकृत संस्कृति का बोझ ढोती हिन्दी

जिन्हे हम ‘हिन्दी गाली’ कहते हैं, जितने भी फूहड़ और यौन-कुंठा के शब्द हिन्दी गालियों के रूप में बताए जाते हैं। अगर उनके उद्भव की पड़ताल करें तो हिन्दी क्या किसी भी भारतीय भाषा से उनका संबंध दूर-दूर तक नहीं मिलता।

विधि का विधान या आपका संकल्प?

हम विधि के विधान को शायद न बदल पाए लेकिन यदि हमारी इच्छा शक्ति मजबूत है हम उसके प्रति समर्पित हो तो परिणाम प्राप्ति की प्रक्रिया को जरूर बदल सकते हैं।

भारतीय “समुदाय विशेष” के लोग भारत या किसी भी देश के संविधान को मानने में असमर्थ क्यों सिद्ध होते हैं?

धर्म गलत करने को नहीं बोला लेकिन कुछ लोगों ने अपने फायदे या किसी उद्देश्य विशेष की पूर्ति के लिए द्वेष भावना पाली और अपने प्रभाव का प्रयोग करते हुए उसे फैलाया।

यहूदी राष्ट्रीयता

जहाँ इस्लाम और ईसाई धर्म के बढ़ते प्रभाव से विश्व के कई रिलिजन समाप्त हो गए है या समाप्त होने की स्थिति में है, वही यहूदियों के यह संघर्ष और जिजीविषा उनको एक पहचान और एक महत्वपूर्ण स्थान देता है।

बिहार की राजनीती और कोरोना वायरस से जंग

आप सोच रहे है इस महामारी की घड़ी के मै राजनीती की बात क्यों कर रहा हूँ तो आप पूछिए अपने आप से, क्या बिहार में राजनीती ही सबसे बड़ी महामारी नहीं है?

An analysis on Nizamuddin Jamaat issue

Tablighi Jamaat issue is all about Regressive Islamic thoughts Versus the Liberal Indic thoughts.

Post Corona world order: Implications and opportunities for India

Major lesson that has been evolved from this tragedy is that over dependence on global supply chain nay well be counterproductive.

Strengthen the hands that feed you three times a day

Its time we paid genuine tribute to Dr. B.R.Ambedkar by ceasing to treat the constitution as a mere compendium of principles.

राम-सेतु का सच

रामसेतु पर आक्षेपों का जवाब: राम-सेतु का सच "नास्तिको के पेट में गजब दर्द!

What this lockdown teaches you?: Lockdown takeaways

Most of us have started realising the old proverb- Health is wealth. If not yet, it may be too late.

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