फिर वामपंथियों ने जनता में झूठी बात प्रचारित कर उसे धोखा क्यों दिया?
वामपंथियों का बाइबल 'रूल्स फाॅर रेडिकल्स' के "पीक द टार्गेट, फ्रीज इट, पर्सोनलाइज इट एंड पोलराइज इट" के सिद्धांत के अनुसार वामपंथी जमात अपने विरोधियों के मुख्य चेहरे को 'टार्गेट' कर एक माहौल बनाती है। उस टार्गेट के चारों ओर एक विशेष एजेंडा चलाते हुए उस पर व्यक्तिगत आक्रमण करती है। घटनाएं फ्रेम की जाती हैं और पूरा इकोसिस्टम जन-मानस को तैयार करने के लिए सक्रिय हो जाता है।बंगाल में वामपंथियों के सत्ता के संघर्ष में सबसे बड़े बाधक उनके मुखर विरोधी और सुप्रसिद्ध मुख्यमंत्री विधानचंद्र राय के उत्तराधिकारी प्रफुल्ल चंद्र सेन थे। उन्हें सत्ताच्युत करने हेतु जनता के मन में उनके प्रति आक्रोश पैदा किया गया। इसमें वामपंथी जीते, जनता हार गई!