राम मंदिर निर्माण स्थल पर जमीन में करीब 2 हजार फीट नीचे एक टाइम कैप्सूल रखा जाएगा। इसलिए, कि भविष्य में कोई भी व्यक्ति जो मंदिर के इतिहास के बारे में अध्ययन करना चाहता है, वह राम जन्मभूमि से संबंधित तथ्यों को प्राप्त कर देगा, ताकि कोई नया विवाद न पैदा हो सके।