मता ने कभी देश की परवाह ही नहीं की, उनके लिए चुनाव जीतना ही हमेशा महत्वपूर्ण रहा। चुनाव जीतने के इसी लालच में उन्होंने बांग्लादेशी घुसपैठियों को भी पश्चिम बंगाल में आने दिया। न सिर्फ आने दिया बल्कि उनको बसाया भी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज ‘आत्मनिर्भर भारत’ की ओर अग्रसर हो रहा देश बार बार नेताजी से प्रेरणा पाता है। उन्होंने कहा कि आज हम स्त्रियों के सशक्तिकरण की बात करते हैं नेताजी ने उस समय ही आज़ाद हिन्द फौज में ‘रानी झाँसी रेजिमेंट’ बनाकर देश की बेटियों को भी सेना में शामिल होकर देश के लिए बलिदान देने के लिए प्रेरित किया।
स्वामी विवेकानंद जी की जयंती है, लेकिन बात युवाओं की हो रही थी इसलिए मोदीजी सिर्फ स्वामीजी तक ही नहीं रुके। उन्होंने खुदीराम बोस की बात की, भगत सिंह की बात की, भगवान बिरसा मुंडा की बात की। उन युवाओं की बात की जिन्होंने हमारे सामने उदाहरण पेश किये।
नवंबर, 2015 में सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री ने तय किया कि 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जायेगा। हम जानते हैं कि हमारे देश का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है जिसमें 448 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां शामिल हैं।