हिंदू धर्म में विवाह को एक संस्कार माना जाता है। लेकिन यह संस्कार से अब समझौते की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। विवाह की प्रक्रिया को देखकर लगता ही नहीं कि यह एक संस्कार रह चुका है। विवाह के दौरान इतनी सौदेबाजी होती है कि यह पूर्ण रूप से एक समझौता बन चुका है।